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रहस्यमाई चश्मा भाग - 60





चौधरीं कि मिलो के मजदूरों की सयुक्त कमेटी का प्रतिनिधि जिसे नत्थू ने अपने प्रभाव से चुना था मर्मत सिंद्धान्त के पहुचने के एक दिन बाद ही मर्मत सिंद्धान्त से मिला और बताया कि कर्दब और जग्गू को चौधरीं साहब के मिल का मुलाजिम होना नागवार लगता था जिसके कारण दोनों ने मिल कि नौकरी छोड़ दी सिंद्धान्त को इस बात का आश्चर्य था कि अभी सप्ताह भर पहले कर्दब और जग्गू से बात करके गया ही था उंसे उनकी बातों से मिल की नौकरी छोड़ने जैसी बात कि भनक तक नही थी,, तो हुआ क्या की उन्होंने इतनी जल्दी नौकरी छोड़ने का फैसला ले लिया,,,,,



 सिंद्धान्त मर्मत से बोला ठीक है यदि उन लांगो ने नौकरी छोड़ दी है तो भी एक माह तक उनकी प्रतीक्षा होगी और यदि काम पर नही आते है तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी मर्मत ने कहा जैसी आपकी इच्छा लेकिन मजदूरों के हितों के संदर्भ में अब मैं ही बात करूंगा सिंद्धान्त ने कहा हमे क्या आपत्ति मर्मत ने मिल मजदूरों कि एक लंबी मांग सिंद्धान्त को दिया जिसमें मिलो में आधुनिक मशीनों को लगाना पगार दूनी करना एव मजदूरों को मिल में हिस्सेदारी देना आदि अनादि मांगे सम्मिलित थी
 सिंद्धान्त ने लंबी चौड़ी मजदूरों की मांग को बड़े गौर से पढ़ा और दूसरे दिन वार्ता के लिए बुलाया ।



नत्थू को जब पता लगा कि मर्मत ने सिंद्धान्त से मिलने का समय अगले दिन के लिए मांगा है तो उसने मर्मत को अपने पास बुलाया और अपनी भावी रणनीति का खुलासा किया उसने मर्मत को समझाया कि कैसे सिंद्धान्त को दबाव में लेकर अपनी मांगों के लिए विवश किया जा सकता है मर्मत को उसने सारे हथकंडे अख्तियार करने की नसीहत दे दी उसने मंगलम चौधरीं के सभी मिलो पर एक दिन एक ही निर्धारित समय पर बगावत के लिए तैयार करने की अपनी बृहद योजना को बहुत बारीकी से समझाया उसने सभी मिलो के मजदूरों का नाम भी बताया जिनके मन मे आकांक्षएँ बहुत थी,,,,,


किंतु संसाधन विहीन और पैसे और नाम के लिए किसी स्तर तक जा सकने में सबल सक्षम थे ऐसे ही मज़दूरों को नत्थू ने अपने मकसद के लिए चुना था जो कारगर एव कायमयाब योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा था हर शासन शासक के विरुद्ध ऐसे लोग होते ही है जो अवसर कि तलाश में रहते है कि कब उनके मन मूताबिक अवसर उपलब्ध हो और अपनी रोटी सेक सके नत्थू ने ऐसे ही महत्वाकांक्षी एव विरोधी मानसिता के व्यक्तियों कि लंबी फौज खड़ी कर रखी थी,,,,,,


मर्मत को जब नत्थू की योजना का पता चला वह कांप उठा नत्थू ने उसे बताया कि जो भी दिन समय वह निर्धारित करेगा ठीक उसी दिन समय पर मंगलम चौधरीं के सभी मिलो के मजदूर मिलो के सामने एकत्र होकर पहले शांत फिर उग्रता के वातावरण का निर्माण कर मिलो पर धावा बोल देंगे और मिलो में मंगलम चौधरीं समर्थकों को धराशायी करते हुए मिलो को आग के हवाले कर देंगे इससे मंगलम चौधरीं का साम्राज्य एक साथ समाप्त हो जाएगा और यशोवर्धन के पीढ़ियों की गुलामी कि आग जो मेरे सीने में जल रही है वह समाप्त हो जाएगी क्योकि यशोवर्धन से सम्बंधित सुयश चाहे चमत्कार कहे या ईश्वर की कृपा वह मंगलम तक पहुंच चुका है,,,,



 जो मेरे वर्षो के प्रतिशोध का अंतिम निशाना है मर्मत ने सवाल किया कि यह सब सम्भव कैसे होगा नत्थू ने मर्मत को बताया कि सभी वागी मज़दूरों के पास छिपे तौर पर शीशे में जहर पिरोए छोटी छोटी गोलियाँ होंगी एव गुलेल जिसके द्वारा मजदूर सामने के खड़े भीड़ पर चलाएंगे उस जहर पिरोए गोली का किसी भी व्यक्ति से सम्पर्क होते ही वह व्यक्ति पलक झपकते ही कालकलवित हो जाएगा गोली लगने से व्यक्ति के शरीर पर खरोंचे आएंगी और जहर का सम्पर्क खून से होगा और व्यक्ति मर जायेगा और भगदड़ मच जाएगी,,,,


 ऐसे सारे लोग मंगलम चौधरीं के पक्ष में खड़े दिखेंगे और भगदड़ के लिए जिम्मेदारी का बाखूबी निर्वाहन करेंगे मर्मत सिर्फ सुन रहा था कुछ भी बोलने की हिम्मत नही थी उसमें रात बहुत हो चुकी थी नत्थू ने सारी योजना समझने के बाद उसे जाने का आदेश दिया मर्मत लौट कर आया तो लेकिन उसे नींद विल्कुल नही आ रही थी वह यह समझ ही नही पा रहा था कि नत्थू आखिर किस मिट्टी का बना है,,,,


 उसने यशोवर्धन के परिवार से बदला लेने के लिए कितनो की बलि चढ़ा दी उंसे कर्दब ने तमाम कसमें देकर यह बता दिया था कि किस प्रकार नत्थू ने अपने नवजात को जो सिंद्धान्त है जन्म लेते ही मौत के हवाले कर दिया वह तो उसकी किस्मत अच्छी थी जो उसे मंगलम चौधरीं जैसे अच्छे इंसान की परवरिश मिल गयी शायद ईश्वर ने कुछ और ही सोच रखा हो कर्दब ने यह भी उंसे बताया था कि यशोवर्धन के घर मे डकैती नत्थू ने ही डाली थी,,,,,,


जिसके बाद यशोवर्धन के पिता कुछ दिनों बाद चल बसे और पूरा परिवार समाप्त हो गया जो भारत मे था कर्दब ने यह भी बताया था कि जब भारत की आजादी के समय पाकिस्तान धर्मांधता के आधार पर बटा उस समय भी उग्र भीड़ की मंशा यह नही थी कि वह यशोवर्धन जैसे इंसान के परिवार का खात्मा ही कर दे नत्थू नही अपने दो आदमियों रमजान एव असगर को यशोवर्धन की सेवा टहल में लगा रखा था दोनों ही यशोवर्धन परिवार कि सामूहिक हत्या के लिए ही पूर्वी पाकिस्तान बटवारे से बहुत पहले ही नत्थू द्वारा ही काम कि तलाश का बहाना लेकर गए थे और जिन्हें इलाके का आदमी समझ कर मंगलम चौधरीं ने अपने पास रख लिया था,,,,,



दोनों ही मंगलम चौधरी के विरुद्ध साजिश को अंजाम दे ही रहे थे कि तब तक भारत पाकिस्तान बटवारे और धार्मिक उन्माद के दंगे होने लगे जब उग्र दंगाई चारो तरफ कहर वर्षा रहे थे उसी समय रमजान एव असगर ने उग्र भीड़ को यशोवर्धन कि हवेली की तरफ मोड़ दिया जिसके लिए उन्होंने धार्मिक उन्माद को हवा दी और यशोवर्धन का सारा परिवार दंगे की भेट चढ़ गया रमजान और असगर का काम आसान हो गया और दोनों ही यशोवर्धन कि दौलत हवेली पर कायम हो गए और अब भी नत्थू को उसके आपराधिक गतिविधियों के लिए रुपया पैसा उपलब्ध कराते है,,,,



जारी है 




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3 Comments

madhura

05-Sep-2023 01:29 PM

amazing

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KALPANA SINHA

05-Sep-2023 12:12 PM

Amazing

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